बज्र प्रहार





विशेष प्रतिनिधि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एक बार पुन: एक ही झटके में किसान आंदोलन की हवा निकलकर रख दी। उन सभी की कलई खोलकर रख दी जो सिर्फ  अपने-अपने स्वार्थों के वशीभूत होकर किसान आंदोलन के नाम पर भारत की दुनिया में बदनामी करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ते/छोड़ रहे हंै। 

संसद के उच्च सदन राज्य सभा में सोमवार को किसान आंदोलन पर श्री मोदी ने कहा, खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है। मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं। वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे। उन्होंने कहा,कृषि सुधारों की बात करने वाले अचानक से पीछे हट गए. पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का? ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है।

श्री मोदी ने कहा, 'Óजब हम कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है। पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी। यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे।ÓÓ उन्होंने कहा, ''पीएम किसान सम्मान निधि योजनाÓÓ से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं। इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं।ÓÓ

श्री मोदी ने कहा, 'Óसाल 2014 के बाद हमने कुछ परिवर्तन किया, हमने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा दिया ताकि किसान, छोटा किसान भी उसका फायदा ले सके। पिछले 4-5 साल में फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को दिए गए हैं। पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसानों को फायदा हो रहा है।ÓÓ उन्होने आगे कहा, 'Óहर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढऩा होगा। मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा।ÓÓ

इसके बाद प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैला रहे अराजकतावादियों को भी आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री के अनुसार, हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी, बुद्धिजीवी ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे, स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे, मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे, कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।

यहां पर पीएम मोदी का स्पष्ट इशारा योगेंद्र यादव जैसे नेताओं से था, जो किसी भी सरकार विरोधी आंदोलन में अपना मुंह उठाकर हिस्सा लेने चल देते हैं। श्री मोदी ने ग्रेटा थनबर्ग और टूलकिट गैंग को भी आड़े हाथों लेते हुए इनके कुटिल इरादों की ओर ध्यान देने पर जोर दिया।

पीएम मोदी के अनुसार, कुछ लोग हैं जो भारत अस्थिर रहे, अशांत रहे। इसकी लगातार कोशिशें कर रहे हैं। हम ये न भूलें कि पंजाब के साथ क्या हुआ। जब बंटवारा हुआ, सबसे ज्यादा पंजाब के लोगों को भुगतना पड़ा। जब 1984 के दंगे हुए, सबसे ज्यादा पंजाब के आंसू बहे। जब जम्मू कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट में अशांति हुई, लोग परेशान हुए।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टूलकिट 

गैंग के लिए एक नया टर्म प्रयोग में लाते हुए कहा, एक नया एफ डीआई  मैदान में आया है-स्नशह्म्द्गद्बद्दठ्ठ स्रद्गह्यह्लह्म्ह्वष्ह्लद्ब1द्ग द्बस्रद्गशद्यशद्द4 (फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी)। इस स्नष्ठढ्ढ  से हमें देश को बचाने की जरूरत है, और जागरूक रहने की जरूरत है।

श्री  मोदी का इशारा स्पष्ट रूप से उन विदेशी कार्यकर्ताओं की ओर था, जो किसान आंदोलन के समर्थन के नाम पर भारत छवि पर बट्टा लगाने के प्रयासों में जुटे हैं । रविवार को ही असम में हुई एक रैली में इन लोगों के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाते हुए पीएम मोदी ने कहा था, जो भारत के विरुद्ध षड्यन्त्र रच रहे हैं, वे इतने नीचे गिर चुके हैं कि उन्हें भारतीय चाय से भी नफरत हो गई है। आपने तो सुना ही होगा कि ये लोग भारतीय चाय को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित तरह से काम कर रहे हैं।

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि श्री मोदी ने एक ही भाषण से विपक्ष, खालिस्तानियों, एनजीओ प्रेमी और टुकड़े टुकड़े गैंग को चारों खाने चित कर दिया है।  जिन लोगों को यह लगता है कि वे हिंसक आंदोलन कर पीएम मोदी को झुका सकते हैं, उन्हें इतिहास के पन्ने पलटकर देख लेना चाहिए, वरना फिर से मुंह की खानी पड़ेगी।